Budget 2023 Tax Analysis साधारण शब्दों में
बजट एक ऐसा त्यौहार है जिसका इंतज़ार सभी लोग बेसब्री से करते है, आस पास गली मोहल्ले सब जगह बजट की चर्चा होती है हर कोई इस दिन इकोनॉमिस्ट बन जाता है मीडिया एवं व्हाट्सप्प से और दिन भर बजट के गुण गाते गाते सो जाता है और त्यौहार ख़त्म हो जाता है । और तो और चुनावी साल में कुछ ज्यादा ही अपेक्षाएं पाल लेता है की इस बार तो लाटरी लगेग। अगले दिन सुबह उठकर वह फिर वही सपने जीने लगता है की शायद वह बढ़ी हुई महंगाई, बेरोजगारी, टैक्स, लिटिगेशंस, भ्रस्टाचार, सरल व्यापर जैसी बुनियादी समस्याओ से एक दिन निदान पा ही लेगा।
खेर बजट भले ही सरल रहे न रहे पर इस बार मेने अपने बजट एनालिसिस को सरल बनाने की कोशिश की है इसे हिंदी और इंग्लिश मिक्स भाषा में लिख कर ताकि आम जनता तक कोई भी तथ्य अधूरा न रह जाय। मेरे लिए इस तरह बजट विश्लेषण करने का पहला प्रयास है तो भाषा की सटीकता की अपेक्षा ज्यादा न रखे। निचे दिया हुआ विश्लेषण सिर्फ आयकर सबंधित है, बाकि विषय की चर्चा इसमें नहीं की गयी है।
चलिए शुरुआत करते है आम आदमी से जुड़े प्रस्तावों की
Amendments in Personal Taxation
Income Tax Act me Budget 2020 से Individual / HUF को टैक्स लगाने की दो methods prescribe की गयी थी Old Regime and New Regime. Old Regime में सारी deductions and exemptions allowed होती थी पर Tax Rates ज्यादा थी वही New Regime में कुछ नाममात्र deduction allowed होती थी पर बहुत सारी slabs से अलग अलग tax rates से टैक्स वसूला जाता था जो कुछ चुनिंदा केसेस में ही फायदेमंद होती थी.
वित्तमंत्री ने New Tax Regime को और attractive बनाने के लिए उसमे Tax Rates में कटौती की है, एवं कुछ अन्य Deductions प्रदान की है.
आइये देखे Budget 2022 में New Tax Regime को लेकर क्या क्या बदलाव किये गए है :
1. New Tax Regime में अब salaried व्यक्ति 50,000 की standard deduction भी क्लेम कर सकता है जो केवल पहले Old स्कीम तक ही सिमित थी. New Tax Regime में प्रस्तावित नयी स्लैब रेट में भी basic exemption limit 2.50 Lakh से बढ़ा कर 3 Lakh कर दी गयी है . परिणाम स्वरुप New regime में जाने वाले नौकरीपेशा व्यक्ति को कुल मिला कर 1 Lakh की इनकम को कर मुक्त कर दिया गया है. साथ ही टैक्स की दरों को भी कम किया गया है I वाह क्या सौगात लायी है सरकार, 9 सालो बाद Finally हम आम आदमी की सुध ली गयी. TV में सभी न्यूज़ चैनल पर इस खबर ने खूब वाह वाही लूटी, अरे कमाल हो गया, मजा ही आ गया वगेरा वगैरह I परन्तु वह प्रयास जो सिर्फ बातो में रह जाये और हक़ीक़त में चुनावी वादों की तरह रह जाये ठण्ड के मौसम में किसी धुंद की तरह ही होता है . निचे दिए हुए विश्लेषण से आप समझेंगे में ऐसा क्यों कह रहा हूँ.
2. इसके अलावा वह व्यक्ति जिन्हे Family Pension मिलती है उन्हें New Regime में पहले Section 57 में दी हुई 15000 की छूट नहीं मिलती थी , जो की अब से प्राप्त होगी I
3. पहले by default किसी भी व्यक्ति का Tax Calculation Old Regime में दी हुई Tax Rates से ही होता था और यागर उसे New Regime में जाना होता था तो Online option exercise करना होता था . अब नए प्रस्तावित प्रावधानों के अनुसार सभी का Tax Calculation New Regime के अनुसार होगा , जिन्हे भी Old Regime में जाना है उन्हें अब Online option exercise करना होगा . इसके अलावा वह व्यक्ति जिनकी बिज़नेस एवं प्रोफेशन से आय है वह केवल एक बार ही इस scheme से बहार जाकर वापस आ सकते है , वहीं बाकि व्यक्ति जैसे की Salary class लोग New se Old या Old se New अनगिनत बार आ जा सकते है .
4. इसके अलावा Budget भाषण के अनुसार New Tax Regime Opt in करने वाले व्यक्तियों के लिए Surcharge की दरे भी कम कर दी गयी है परन्तु मेरे अध्यन के दौरान मुझे Finance Bill 2022 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं दिखा. Surcharge उन् व्यक्तियों पर टैक्स के अतरिक्त लगता है जिनकी Taxable Income 50 Lakh से ज्यादा है . Surcharge की नयी और पुराणी दरे कुछ इस अनुसार है :
Surcharge Income Limit
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Old Rates
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Surcharge Income Limit
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New Rates
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>50L Upto 1 Cr.
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10%
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>50L Upto 1 Cr.
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10%
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>1Cr upto 2Cr
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15%
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>1Cr upto 2Cr
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15%
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>2Cr upto 5Cr
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25%
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>2Cr
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25%
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>5Cr
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37%
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New Tax Regime में पुरानी एवं नयी कर दरे कुछ इस अनुसार है :
New Tax Regime Proposed Slab Rates (Applicable from FY 2023-24)
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New Tax Regime Old SLab Rates (Applicable upto FY 2022-23)
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1. Upto Rs. 3,00,000 Nil
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1. Upto Rs. 2,50,000 Nil
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2. From Rs. 3,00,001 to Rs. 6,00,000 @ 5 %
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2. From Rs. 2,50,001 to Rs. 5,00,000 @ 5%
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3. From Rs. 6,00,001 to Rs.9,00,000 @ 10 %
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2. From Rs. 5,00,001 to Rs. 7,50,000 @ 10%
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4. From Rs. 9,00,001 to Rs. 12,00,000 @ 15 %
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3. From Rs. 7,50,001 to Rs.10,00,000 @ 15%
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5. From Rs. 12,00,001 to Rs. 15,00,000 @ 20 %
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4. From Rs. 10,00,001 to Rs. 12,50,000 @ 20%
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6. Above Rs. 15,00,000 @ 30%
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5. From Rs. 12,50,001 to Rs. 15,00,000 @ 25%
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6. Above Rs. 15,00,000 @ 30%
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आइये सबसे पहले देखे की Old टैक्स Regime और New टैक्स Regime से टैक्स liability में कितना फर्क पड़ता है :
Assumptions for above Calculation:
व्यक्ति ने 80C, 80D (Mediclaim), 80CCD (NPS) में पूरा इन्वेस्टमेंट कर रखा है एवं Home Loan पर ब्याज 2 Lakh से अधिक का भर रहा है . वैसे तो इसके अलावा भी कई छूट मिलती है जैसे HRA, Education Loan Interest , other allowances , 80CCD (2) वगैरह वगैरह पर उन्हें इस calculation में नहीं लिया गया है यह मान कर की व्यक्ति कुछ न कुछ कम ज्यादा इन्वेस्टमेंट करेगा. Tax Calculation are without Ed. Cess and Surcharges.
ऊपर दिए हुए एनालिसिस से आप समझेंगे की यगर आप investment करने में interested नहीं है तो आपके लिए New Regime फायदेमंद हो सकती है पर यगर आप Investment करते है तो ultimately आपकी Tax cost Old Regime में ही कम आएगी . उदारहण के तौर पर देखिये जब व्यक्ति की आय 20 Lakh है और Investments नहीं करता है तो सरकार को Old Regime में Rs.3,97,500/- का Tax देता है और New Regime me Rs.2,85,000/- का , पर यगर वह Investment कर देता है तो उसे Old Regime में Rs.2,55,000/- का ही टैक्स देना है , अर्थात Investment करके Old Regime में जाना ही फायदेमंद साबित हो रहा है . ऐसा ऊपर दिए सभी Calculation me साबित हो रहा है . Aap Blue colour se highlighted figures देख सकते है ऊपर टेबल में . सिर्फ जिस व्यक्ति की आय 7.50 लाख एवं कुछ अन्य चुनिंदा Cases में ही New Tax Regime में फायदा होता दिख रहा है.
वित्तमंत्री जी ने भी शायद ऐसी ही कोई Excel बनायीं होगी तभी इस प्रकार Rates में बदलाव करे है की New Tax Regime में बस लोग घूमते रहे और एक दूसरे से तारीफों के पूल बनते रहे.
कूल मिलाकर वित्तमंत्री ने पुरे बजट में सिर्फ New Tax Regime में ही बदलाव करे है Old Scheme अपनाने वाले करदाताओं को ठीक उसी तरह ignore किया गया है जैसे सरकार महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे को करती है .
वित्तमंत्री ने नई टैक्स regime के रूखे सूखे रिस्पांस को बदलने की विफल कोशिश की है .
आप लोगो के लिए इस calculation को सरल बनाने के लिए मेरे द्वारा एक Excel फाइल डेवेलपक की है जो टेस्टिंग के बाद जल्दी ही शेयर की जायगीI
Tax on Winning from Online Games
यह नया amendment सभी मनोरंजनप्रेमी Online gaming की जनता के लिए है . Dream 11, Playing 11, Teen Patti, Rummy, Ludo, PUBG और बाकि सभी Online Games पर होने वाली Net Income (Profit – Loss) पर नए Section 115BBJ के नियमानुसार 30% से Tax देना होगा .
अब आप सोच रहे होंगे की सरकार को कैसे पता चलेगा ये सब , तो इसके लिए भी सरकार ने Section 194BA प्रस्तावित किया है जो 01.07.2023 से applicable होगा . Section 194BA के अनुसार जो भी व्यक्ति (वह व्यक्ति Individual या ऑनलाइन गेमिंग कंपनी भी हो सकती है ) इस तरह के गेम से जीत की amount बटवायगा देगा उसे Year end पर Winner की Net Income calculate करके उसपे TDS काट कर सरकार को जमा करना होगा . और इस सेक्शन की कोई ऊपरी limit भी set नहीं करि है , मतलब आपने 10Rs. भी जीते to Game खिलने वाले को 3Rs. काट कर TDS जमा करना पड़ेगा .
रोचक बात यह है की 194BA की wording कुछ ऐसी है
“Notwithstanding anything contained in anyother provisions of this Act, any person responsible for payingto any person any income by way of winnings from any online…….”
इस परिभाषा के अनुसार वह लोग जो Instagram पर PUBG Room बना कर कम्पटीशन करके Prize देते है उन्हें भी TDS काटना पड़ेगा . भगवन ही जाने उस गेम खिलने वाले को यह कभी पता चलेगा की नहीं नहीं की उसे TAN no. अप्लाई करके TDS भी काटना है इस छोटे से काम का .
इसके अलावा Online जुआ एवं सट्टा करने वाले मतलब 3 Patti और Rummy जैसे online game खेलने वालो के लिए TDS cut करने की limit Rs. 10000 राखी गयी है Section 194B में .
Increase in Limit of Leave Encashment
कई सरकारी एवं गैर सरकारी नौकरीपेशा लोगो को Leave Encashment मिलती है retirement के time या नौकरी बदलते समय, जो की Tax से Exempt होती थी Section 10(10AA) के नियमानुसार . सभी hard working Non-Government Employees जो दिन रात बिना छुट्टी लिए काम करते थे पहले उनके लिए Leave Encashment upto 3 Lakh ही Exempt था पुरे जीवन भर में , अब उसकी Limit bada कर 25 Lakh कर दी गयी है .
Taxing Maturity Receipts of Insurance Policies other than ULIP Plans:
Section 10(D) of the Income Tax Act provides exemption on the sum received on maturity of Life Insurance Policy. इसका benefit कुछ High Net Worth Individual बड़ी बड़ी premium भरके policy mature होने पर pura exemption claim कर लेते थे और उन्हें gain पर tax नहीं देना पड़ता था . In Last Budget 2022 Government ने Section 10(D) का benefit उन् ULIP policies तक सिमित कर दिया जिनकी annual aggregate premium 2.50 Lakh से ज्यादा न हो . पर उस समय निर्मला ताई बाकि बची हुई Life Insurance Policies ULIP के अलावा इसमें Cover करना भूल गयी थी . नए प्रावधान के अनुसार निचे दी गयी policies की Maturity Proceeds के समय होने वाले Gain को भी अब Tax किया जायेगा :
1. Any Life Insurance Policy other Then ULIP issued after 01.04.2023.
2. If Premium for any year during Term Period of Policy exceeds Rs.5 Lakh.
गौर करने वाली बात यह है की यह “Income from Other Sources” में taxed होगी i.e. भले ही आपने कितने सालो तक policy को hold करा हो उसके gain पर आपको Tax Slab Rate से देना होगा न की Capital Gain Rates से . It is important to note that this Maturity Proceeds will not be taxable in the event of death.
No Double Deduction on Home Loan Interest
कुछ Taxpayers Home Loan पर दिए हुए ब्याज की deduction ITR भरते time Section 24 or Section 80EEA/B में Taxable Income कैलकुलेट करते टाइम भी ले लेते है और वहीं घर बेचते समय उस Interest को Purchase Cost में भी जोड़ लेते थे Capital Gain Calculate करते समय . इस तरह से उनके एक बार भरे हुए ब्याज की दो बार छूट मिल जाती थी . Finance Bill 2023 के माध्यम से Section 48 में यह नियम जोड़ दिया गया है की जिस ब्याज की आपने Section 24/Section 80EEA/B में deduction ले ली है उस ब्याज को आप घर की Cost of Acquisition में नहीं जोड़ सकते .
• दो साल के लिए महिला सम्मान बचत पत्र नाम से एक नई लघु बचत योजना का ऐलान। इसमें 2 लाख रुपये तक महिलाएं और लड़कियां पैसा जमा कर सकेंगी और इस पर 7.5 प्रतिशत का निश्चित ब्याज मिलेगा। इसमें आंशिक रूप से निकालने का भी विकल्प होगा।
• Deduction of Section 54/54F restricted to Rs 10Crore on Purchase of New House.
• The maximum deposit limit for Senior Citizen Savings Scheme will be enhanced from Rs. 15 lakh to Rs.30 lakh.
• The maximum deposit limit for Monthly Income Account Scheme will be enhanced from Rs. 4.5 lakh to Rs.9 lakh for single account and from Rs.9 lakh to Rs.15 lakh for joint account.
आइये अब कुछ बाते BUSINESS से जुडी भी हो जाये
No Deduction of Expenses if payment is not made to MSME within Time Limit
As per Section 43B कुछ खर्चो की deduction तभी मिलती है जब उसका payment कर दिया गया ho ITR filing की due date से पहले , otherwise उन् खर्चो की deduction जिस भी year में payment होता है तब दी जाती है .
इन् खर्चो की list में Budget 2023 से MSME businesses को भी जोड़ दिया गया है ताकि उन्हें समय से भुगतान मिले . As per new amendment, यगर आपने कोई भी purchase या services MSME registered business से ली है और उसका पेमेंट MSMED Act की Section 15 में दी हुई तय समयसीमा में नहीं करा तोह वह खर्चा आपको disallow हो जायगा . यहाँ महत्वपूर्ण बात यह है की Section 43B में दिए हुए बाकि खर्चो की छूट आपको उस वर्ष में मिल जाती थी जिस वर्ष आपने payment कर दिया हो , परन्तु amendment करते समय इस category से MSME को बहार रखा गया है .
सरल शब्दों में कहे तो यगर आपने MSME businesses को Section 15 MSME act की time limit में payment नहीं की और भले ही समयसीमा के बाद payment कर दी हो तोह भी वह खर्चा आपके लिए disallow हो जायगा . What is important is timely payments to MSME units.
हालांकि यह section उन् Individual या HUF या Partnership firm (not LLP) के cases में attract नहीं होगा जो Section 44AD, section 44ADA एवं section 44AE Presumptive Scheme में अपना ITR file करते है . इसलिए अब taxpayers को इन् sections से Opt out होने से पहले do बार सोच लेना चाहिए क्यूकि एक बार बहार आ गए तो 5 साल तक वापस इन् section में जा नहीं पाओगे और यह MSME को समय से payment का अलग से compliance भी करना पड़ेगा .
अब आते है उस सवाल पर की Section 15 MSMED Act में क्या समयसीमा दी गयी है भुगतान की :
Particulars
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Time Limit
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If you have entered into written agreement with Seller
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The Date as per that agreement Which cannot be more than 45
Days.
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If you have not entered into any agreement.
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Within 15 Days.
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Benefits for MSME Registered units from above amendment:
1. आपके द्वारा दी गयी services or goods का समय से भुगतान होगा क्यूकि यगर आपको समय से payment नहीं मिला तोह Buyer के लिए वह खर्चा ही disallow हो जायगा . अर्थात उसे उन् खर्चो पर खुद Income tax देना पड़ेगा.
2. Auditor को audit करते समय Section 43B में किये हुए late payment का ब्यौरा देना होता है , तोह बेहतर रहेगा की आप invoice देते समय ही उस पर mention कर दे की आप एक MSME registered business है ताकि समय से payment न हुआ हो तो इस चीज़ की report Income Tax विभाग तक submit हो जायगी
3. आपके पास समय से पूंजी रहेगी व्यापर बढ़ने के लिए .
4. यगर आप छोटे व्यापारी है और आपने अभी तक MSME का registration नहीं लिया है तो आपको तुरंत registration लेना चाहिए. क्यूकि Income Tax Act के अलावा MSME को समय से payment न करने के लिए Companies Act और MSMED Act में भी कड़े प्रावधान है जो MSME units के हित में है .
Precaution for Buyers:
1. यगर आप समय से भुगतान करने में असक्षम है और न ही आपने कोई written agreement करा है तो precaution के तौर पर Seller से Invoice लेते समय उसपे payment की due date maximum 45 Days तक की लिखवा लेवे वरना आपको 15 din के भीतर ही payment करना रहेगा .
Kuch Adhuri Baate!
1. समय पे MSME को भुगतान एक अच्छा कदम है पर इस विषय में नए प्रावधान लेन से पहले वित्तमंत्री जी को वास्तविकता से भी अभिभूत होना चाहिए था . समयसीमा के बाद पर ITR filing की due date से पहले payment करने पर खर्चे की छूट नहीं देना एक कठोर निर्णय है . कई बार seller द्वारा di गयी Goods or Services ही ख़राब quality के issues में अटकी रहती है जिस कारन भी पेमेंट delay होता है .
2. कई बार Seller खुद credit time देना चाहता है पर इस प्रावधान के बाद उस चीज़ का कोई मतलब नहीं बचता .
3. Section 43B कई छोटे व्यापारों पे भी लगता है जैसे की वह लोग जिन्होंने presumptive scheme से पिछले कुछ सालो में विदाई ले ली है और वह दोबारा इसमें 5 साल तक नहीं आ सकते या फिर वह लोग जिन पर Section 44AD (Commission, brokerage business etc) and 44ADA (other professions) के provisions attract ही नहीं होते . इन् लोगो का turnover लाखो में ही होता है पर इन्हे भी इस कड़े कानून को follow करना पड़ेगा .
4. सभी को मालूम है की MSME registration कितना आसानी से मिल जाता है , कई Sellers इसका गलत फायदा भी उठा सकते है .
5. 180 दिन का समय तो GST एक्ट भी देता है पेमेंट के लिए पर यह 15 /45 दिन का समय कई व्यपार को तोड़ भी सकता है .
Increasing Threshold Limit for Presumptive Taxation
Under Presumptive Taxation Scheme
Individual/HUF/Partnership Firm (not LLP) can declare profit @ 8% or 6% of their Turnover in case of business and @ 50% in case of eligible Professions. Inn Sections में जाते ही व्यक्ति ऑडिट की कंडीशन से मुक्त हो जाता है . Businesses के लिए इसमें turnover limit 2 Crore थी and for Professional Rs. 50 Lakhs. अब यह limit बढ़ा कर 3 Crore एवं 75 Lakh कर दी गयी है परन्तु सिर्फ उस case me jab आपकी cash receipt business से आपके total turnover से 5% से कम हो .
Infusion of Rs.9000 Crore Funds for Credit Guarantee Scheme to MSME to enable additional collateral free guarantee Credit of Rs.2 Lakh Crore which help in reducing cost of Credit by 1%. As of now MSME have to bear certain amount of fees (CGT SME Fees) in lieu of the Collateral Free guarantee provided for their loans by the government which is expected to reduce by this reform.
Taxation of Market Linked Debentures
First of all What is MLD?
MLD is a hybrid instrument which is combination of debt securities and exchange traded derivatives. Under this instrument Interest rate on Debt is linked to underlying index/security. For an example a MLD may include offer that if at the end of tenue Sensex performs more then 150% then Interest rate will be 12% otherwise 10% on the MLD offered. At present being a debt instrument gains from MLD are taxed as Long term capital gain @ 10% without indexation.
It is now proposed to mandatary taxed Gain on MLD as Short Term Capital Gain under Section 50AA i.e. as per Slab Rates. No Deduction of STT will be allowed for computing gain.
Other Amendments
1. Section 9 of the Act Taxes any sum of money exceeding Rs. 50,000/- received by NON RESIDENT from person RESIDENT OF INDIA irrespective of the fact that Income arises in India or Outside India. However, this section was not capable to Tax such receipts by NOT ORDINARILY RESIDENT. Section 9(viii) is amended to tax above receipts also in order plug the loophole.
2. Section 56(2)(viib) was set up under act to prevent generation and circulation of unaccounted money through share premium received by the Private Limited companies in excess of fair value of shares from resident investors. It prescribes that any sum received in excess of the Fair Value of the Shares as per the IT Rules will be subjected to tax, however this provisions was applicable in cases where money is received from Resident Investors. Now government has awaken after 10 years and bringing Non residents also into the ambit of this provision.
3. Notified News Agencies under Section 10(22B) setup solely for collection and distribution of News and which does not distribute its income to members were exempt from Taxes which is now being revoked.
4. Section 28(iv) charges income tax on value of any benefit or perquisite in cash or in kind from business or profession, however if consideration was partly in cash and partly in kind then such consideration remain untaxable. This anomality is removed vide Finance Bill 2023.
5. Startup eligible under Section 80IAC are allowed to set off losses due to change in shareholding under Section 79(1) upto 10 Years instead of 7 years from the date of incorporation.
6. 100% Tax Exemption to eligible start-ups under Section 80IAC is extended to the companies incorporated before 1.04.2024 from 01.04.2023.
7. In many cases Assessee offered Income for Tax on Accrual Basis while deductor deducts TDS on Cash Basis, as a result TDS remained unclaimed since it can be claimed only in year in which income is offered for Taxation. Vice versa If Income is offered on Cash Basis then TDS credits are allowed to carry forward and claimed in year of offering such income. In order to mitigate first problem Section 155(20) inserted which facilitates claiming of TDS credit for income already disclosed in the past year.
8. Sellers selling overseas tour packages have now to collect TCS from Buyer @ 20% instead of 5%.
9. TDS provisions u/s 193 on payment of interest on listed debentures to a resident is restored.
10. Assessment completion time limit extended from 9 months from the end of relevant assessment year to 12 months.
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Analysis by:
CA. Animesh Singi
+91-9098589691
animeshsingi@gmail.com
www.animeshsingi.blogspot.com